जयपुर, 14 अक्टूबर। भारतीय जनता पार्टी ने निकाय चुनाव के लिये पूर्व में लिये गये फैसले को बदलने पर कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोला। पूर्व मंत्री एवं विधायक कालीचरण सराफ ने कहा कि कांग्रेस निकाय चुनाव पूर्व ही अपनी हार मान ली है। उन्होंने अपनी किरकरी से बचने के लिये अपना प्रत्यक्ष चुनाव का विचार को बदलते हुये निकाय चुनाव को अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने का कहा है। सरकार ने 31 जनवरी के नियम में संशोधन करके और कैबिनेट ने यह फैसला लिया कि प्रदेश में स्थानीय निकायों के चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली के आधार पर किया जायेगा। भाजपा ने उस समय विधानसभा में कहा कि अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली प्रदेश के लिए हितकर है। क्योंकि इसमें प्रत्याशियों का चुनाव प्रचार में पैसा बहुत कम खर्च होता है और डायरेक्ट चुनाव यदि होंगे तो प्रत्याशियों का पैसा अनाब-सनाब खर्च होगा, जो महापौर और सभापति के जो प्रत्याशी होंगे उनका बेतहाशा पैसा खर्च होगा। परन्तु सरकार ने कहा कि खरीद-फरोख्त से प्रदेश के शहरी सरकारों को बचाने के लिए प्रत्यक्ष प्रणाली ठीक है और इन्होंने विधानसभा में इसको पारित कर दिया।
कालीचरण सराफ ने कहा कि जिन वादों को लेकर प्रदेश में कां्रग्रेस की सरकार बनी थी, दस दिन में किसानों का कर्जा माफ कर देंगे, प्रदेश के शिक्षित बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देंगे, परन्तु वादाखिलाफी के कारण 60 लाख से ज्यादा किसान 99 हजार करोड़ का कर्जा किसानों का कर्जा माफ नहीं हुआ वादा पूरा नहीं किया। शिक्षित बेरोजगारों को 3500 रूपये बेरोजगारी भत्ता देंगे। प्रदेश में 27 लाख बेरोजगार शिक्षित बरोजगार बेरोजगारी बेरोजगारी भत्ता देने का वादा पूरा नहीं किया। और कांग्रेस की सरकार बनने के बाद प्रदेश में जिस प्रकार से कानून व्यवस्था निरंतर बिगड़ती जा रही है। 40 से ज्यादा साम्प्रदायिक घटनाएं प्रदेश में हो गई, महिला उत्पीड़न की घटनाएं, दलित उत्पीड़न की घटनाएं निरंतर बढ़ती जा रही है। प्रदेश की जनता ने अपने आपको ठगा सा महसूस किया और लोकसभा के चुनाव में 25 की 25 सीटों पर कांग्रेस का सूपडा साफ हो गया। भारतीय जनता पार्टी बहुमत से जीती। और इतना ही नहीं हमारे प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री जी के सुपुत्र उनके गृह जिले जोधपुर में भी भारी मतों से पराजित हो गये।
सराफ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय सरकार ने कश्मीर में धारा 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाये जाने का जो शानदार काम किया जिससे पूरे हिन्दूस्तान में राष्ट्रवाद की लहर चल पड़ी। कांग्रेस सरकार को ऐसा लगा कि यदि प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली से चुनाव होगा तो हमारी लुटिया डूब जायेगी और उन्होंने यूटर्न लिया ‘‘थूक कर चाटने’’ का काम किया। स्थानीय निकायों के चुनाव हो या पंचायतीराज के चुनाव हो या चाहे राजस्थान विधानसभा के उपचुनाव हो जितने भी चुनाव राजस्थान की धरती पर लड़े जायेंगे, उन सभी चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा निश्चित रूप से साफ होगा।
सराफ ने कहा कि अशोक गहलोत अपनी सत्ता को बचाने के लिये मुख्यमंत्री बनने के बाद अभी तक दिल्ली में 86 वार ढ़ोक लगा चुके है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उनका ध्यान नहीं है, कानून व्यवस्था निरंतर बिगड़ती जा रहीं है।
सराफ ने कहा कि मीसा बंदियों की पेंशन बन्द करके सरकार ने अपने तानाशाही पूर्वक रवैये को दर्शाया है। 25 जून, 1975 को हमारे देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी ने कोर्ट में हारने के बाद सारी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को नष्ट करके, सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर प्रतिबंधन लगाकर विपक्ष के नेताओं को जेलों में ठूसकर और पूरे हिन्दूस्तान में जो आपातकाल लगाया था, उस लोकतंात्रिक व्यवस्थाओं को बचाने के लिये जिन्होंने सत्याग्रह किया, उनको मीसा में बन्द किया गया। यह देश की आजादी के बाद लोकतंत्र को बचाने का सबसे बड़ा आंदोलन था। इस आपातकाल की कांग्रेस की नेता सोनिया गांधी ने भी कहा था कि कांग्रेस की सबसे बड़ी भूल थी और कांग्रेस पार्टी इसके लिये मांफी मांगती है।
सराफ ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने ऐसे लोगों की पेंशन बंद करने का जो निर्णय किया है, यह लोकतंत्र के साथ मजाक है। भारतीय जनता पार्टी इसकी कटु शब्दों में निंदा करती है। भाजपा चाहती है कि कांग्रेस अपने इस लोकतंत्र विरोधी निर्णय पर पुर्नविचार करें और इस निर्णय को वापस लें, यदि कांग्रेस ने इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो प्रदेश की जनता कांग्रेस को माफ नहीं करेंगी और इसका बदला प्रदेश की जनता लेगी।
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