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जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के कार्यकाल के 2 साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राज्य में मनरेगा के तहत पूरा काम पूरा दाम विशेष अभियान में कार्यों का 5-5 के समूह में विभाजन, कार्य के सही माप व कार्यस्थलों पर प्रशिक्षित मेट के नियोजन से मनरेगा श्रमिकों को मिलने वाली औसत मजदूरी में राज्य के अधिकांश जिलों में उल्लेखनीय सुधार आया है। 

श्री सिंह ने शुक्रवार को 16 दिसम्बर से शुरू हुए पूरा काम पूरा दाम विशेष अभियान की प्रगति की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जिला कलक्टर्स के साथ समीक्षा की।

श्री सिंह ने अभियान के दौरान नवाचार करने वाले जिला कलक्टर्स की प्रशंसा करते हुए अन्य जिलों को भी उनका अनुसरण करने के निर्देष दिये साथ ही अभियान को गति देने में फिसड्डी रहे सवाई माधोपुर, टोंक, करौली व भरतपुर कलक्टर को औसत श्रमिक मजदूरी में सुधार लाने हेतु कार्यस्थलों का औचक निरीक्षण व प्रभावी मॉनिटरिगं करने के निर्देश दिये। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने जिला कलक्टर्स से कहा कि मनरेगा के तहत उन्हें विस्तृत शक्तियां मिली हुई है उनका इस्तेमाल करें, कार्यस्थलों का प्रबंधन बेहतर करवायें, मेट व तकनीकी सहायकों को पाबन्द करें कि वे श्रमिकों को सही टास्क के आधार पर ही मजदूरी का भुगतान उन्हें दिये गये कार्य व उनके द्वारा किये गये कार्य का सही माप कर औसत मजदूरी को 220 रूपये प्रतिदिन तक ले जाया जा सके। 

श्री सिंह ने जिला कलक्टर्स से कहा कि यह अभियान 15 फरवरी तक चलने वाला है वे स्वंय कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण व मॉनिटरिगं करें, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व उनकी टीम के साथ निरन्तर समीक्षा करें। 

उन्होंने जिला कलेक्टर व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार की मंशा है कि हर श्रमिक को मजदूरी का पूरा दाम मिले। यह तभी संभव है जब कार्यस्थल पर मेट द्वारा श्रमिकों को चौकड़ी का समुहवार सही नाप दिया जाये।

श्री सिंह ने कहा कि औसत मजदूरी कम आने पर वे संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर उनके विरूद्व कार्यवाही करें ।

उन्होंने जिला कलक्टर्स को निर्देश दिये कि वे एक बार मेट पुस्तिका का सही अध्ययन करेंगे तो वह कारगर साबित होगी । साथ ही ग्रुप सिस्टम, मॉनिटरिंग माप प्रपत्र और समूहवार माप प्रपत्र की जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कार्यक्रम अधिकारी के स्तर पर निरन्तर समीक्षा करेंगें तो बेहतर परिणाम आएंगे।  उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को दैनिक माप प्रपत्र एवं दैनिक आधार पर मिलने वाली मजदूरी की जानकारी होनी चाहिए यह भी सुनिश्चित किया जाये।

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन योजना अन्तर्गत ठोस व तरल कचरा प्रबन्धन प्रणाली में चिन्हित ग्रामों की विलेज सेनिटेशन मैप एवं के.एम.एल फाईल के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना तैयार करना जरूरी है इसके लिए लगातार फिल्ड विजिट करें।

शासन सचिव एवं आयुक्त नरेगा श्री पी.सी. किशन ने कहा कि नरेगा कार्यस्थल पर प्रबन्धन को सुधरना होगा, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

श्री किशन ने निर्देश दिये कि समूह में काम करने के इच्छुक मजदूरों को एक प्रपत्र में समूह में आवेदन करना चाहिए, इन सभी मजदूरों को एक समूह के रूप में एक विशेष कार्य में नियोजित किया जाना चाहिए तथा उन्हें कभी भी समूह से अलग नहीं किया जाना चाहिए। 

जिला कलक्टर्स मनरेगा के तहत मिली शक्तियों का इस्तेमाल कर औसत मजदूरी में और सुधार लायें- अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रावि एवं पंरावि

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के कार्यकाल के 2 साल पूर्ण होने के उपलक्ष्य में राज्य में मनरेगा के तहत पूरा काम पूरा दाम विशेष अभियान में कार्यों का 5-5 के समूह में विभाजन, कार्य के सही माप व कार्यस्थलों पर प्रशिक्षित मेट के नियोजन से मनरेगा श्रमिकों को मिलने वाली औसत मजदूरी में राज्य के अधिकांश जिलों में उल्लेखनीय सुधार आया है। 

श्री सिंह ने शुक्रवार को 16 दिसम्बर से शुरू हुए पूरा काम पूरा दाम विशेष अभियान की प्रगति की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जिला कलक्टर्स के साथ समीक्षा की।

श्री सिंह ने अभियान के दौरान नवाचार करने वाले जिला कलक्टर्स की प्रशंसा करते हुए अन्य जिलों को भी उनका अनुसरण करने के निर्देष दिये साथ ही अभियान को गति देने में फिसड्डी रहे सवाई माधोपुर, टोंक, करौली व भरतपुर कलक्टर को औसत श्रमिक मजदूरी में सुधार लाने हेतु कार्यस्थलों का औचक निरीक्षण व प्रभावी मॉनिटरिगं करने के निर्देश दिये। 

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने जिला कलक्टर्स से कहा कि मनरेगा के तहत उन्हें विस्तृत शक्तियां मिली हुई है उनका इस्तेमाल करें, कार्यस्थलों का प्रबंधन बेहतर करवायें, मेट व तकनीकी सहायकों को पाबन्द करें कि वे श्रमिकों को सही टास्क के आधार पर ही मजदूरी का भुगतान उन्हें दिये गये कार्य व उनके द्वारा किये गये कार्य का सही माप कर औसत मजदूरी को 220 रूपये प्रतिदिन तक ले जाया जा सके। 

श्री सिंह ने जिला कलक्टर्स से कहा कि यह अभियान 15 फरवरी तक चलने वाला है वे स्वंय कार्यों का आकस्मिक निरीक्षण व मॉनिटरिगं करें, मुख्य कार्यकारी अधिकारियों व उनकी टीम के साथ निरन्तर समीक्षा करें। 

उन्होंने जिला कलेक्टर व मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को अवगत कराया कि राज्य सरकार की मंशा है कि हर श्रमिक को मजदूरी का पूरा दाम मिले। यह तभी संभव है जब कार्यस्थल पर मेट द्वारा श्रमिकों को चौकड़ी का समुहवार सही नाप दिया जाये।

श्री सिंह ने कहा कि औसत मजदूरी कम आने पर वे संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी निर्धारित कर उनके विरूद्व कार्यवाही करें ।

उन्होंने जिला कलक्टर्स को निर्देश दिये कि वे एक बार मेट पुस्तिका का सही अध्ययन करेंगे तो वह कारगर साबित होगी । साथ ही ग्रुप सिस्टम, मॉनिटरिंग माप प्रपत्र और समूहवार माप प्रपत्र की जिला कार्यक्रम समन्वयक एवं कार्यक्रम अधिकारी के स्तर पर निरन्तर समीक्षा करेंगें तो बेहतर परिणाम आएंगे।  उन्होंने कहा कि सभी श्रमिकों को दैनिक माप प्रपत्र एवं दैनिक आधार पर मिलने वाली मजदूरी की जानकारी होनी चाहिए यह भी सुनिश्चित किया जाये।

अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने सभी कलेक्टर्स से कहा कि स्वच्छ भारत मिशन योजना अन्तर्गत ठोस व तरल कचरा प्रबन्धन प्रणाली में चिन्हित ग्रामों की विलेज सेनिटेशन मैप एवं के.एम.एल फाईल के अनुसार विस्तृत कार्ययोजना तैयार करना जरूरी है इसके लिए लगातार फिल्ड विजिट करें।

शासन सचिव एवं आयुक्त नरेगा श्री पी.सी. किशन ने कहा कि नरेगा कार्यस्थल पर प्रबन्धन को सुधरना होगा, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। 

श्री किशन ने निर्देश दिये कि समूह में काम करने के इच्छुक मजदूरों को एक प्रपत्र में समूह में आवेदन करना चाहिए, इन सभी मजदूरों को एक समूह के रूप में एक विशेष कार्य में नियोजित किया जाना चाहिए तथा उन्हें कभी भी समूह से अलग नहीं किया जाना चाहिए। 

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