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केंद्र सरकार ने प्रदेशों को कोविड-19 के प्रसार की श्रृंखला पर सक्रियतापूर्वक अंकुश लगाने एवं मृत्यु दर 1% से नीचे लाने की नसीहत दी

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण ने वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के माध्यम से पांच प्रदेशों- आंध्र प्रदेशपंजाबकर्नाटकतमिलनाडु एवं उत्तर प्रदेश के 15 ज़िलों के स्वास्थ्य सचिवों के साथ एक समीक्षा बैठक की। इन पंद्रह ज़िलों में चित्तूरप्रकाशममैसूरशहरी बैंगलुरु अरबनबल्लारीकोप्पलदक्षिण कन्नड़दावनगेरलुधियानापटियालाचेन्नईकोयम्बटूरसलेमलखनऊ एवं कानपुर नगर शामिल हैं। इन ज़िलों में आने वाले कोविड-19 के मामलेमृत्यु दर एवं पिछले चार सप्ताह से आ रहे मामलों की संख्या अधिक है। प्रदेश स्वास्थ्य सचिवों के अतिरिक्तज़िला कलेक्टरनगर आयुक्त एवं अन्य ज़िला स्तरीय अधिकारियों ने भी इस डिजिटल समीक्षा बैठक में भाग लिया ।  
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने रोकथाम के तौर तरीकोंपरीक्षणों की संख्या बढ़ाए जाने एवं रोगियों के प्रभावी चिकित्सकीय प्रबंधन की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए इन ज़िलों में होने वाले परीक्षणमौत के मामलों इत्यादि जैसे प्रमुख मापदंडों के आधार पर ज़िलों की पूर्ण स्थिति एवं उनका प्रदर्शन साझा किया। प्रदेश स्वास्थ्य सचिवों ने रोकथाम के कदमोंरोगी के संपर्क में आए लोगों की पहचानदेखरेख संबंधी गतिविधियोंचिकित्सा सुविधाओं के आधार पर मृत्यु दरसाप्ताहिक आधार पर आने वाले नये मामलों एवं मौत के मामलों के व्यहवार इत्यादि आयामों के साथ इन 15 ज़िलों में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति का गहराई से विश्लेषण प्रस्तुत किया एवं अगले एक माह के लिये विस्तार से रोडमैप एवं अपनी कार्ययोजना साझा की।
ज़िलों में किये गए आरटी-पीसीआर एवं रैपिड एंटीजन परीक्षणों के आधार पर इन परीक्षणों में लाक्षणिक रूप से नकारात्मक मरीजपरीक्षण की सुविधा वाली प्रयोगशालाओं के उपयोग की स्थितिघर पर किये गए आइसोलेशन के मामलों की स्थितिअस्पताल में भर्ती किये गए मरीजों की स्थिति एवं अस्पतालों में ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तरों की स्थितिआईसीयू बिस्तर एवं वैंटीलेटर इत्यादि की बारीकियां भी केंद्र के साथ साझा की गई।
प्रदेशों को निम्न विशिष्ट क्षेत्रों में कदम उठाने की नसीहत दी गई:
  1. रोकथाम के कदमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कर संक्रमण के फैलाव को सीमित किया जाए एवं अंततः पूरी तरह रोका जाए एवं सामाजिक दूरी संबंधी कदमों का पालन किया जाएदो व्यक्तियों के बीच की दूरी पर कड़ाई से नियंत्रण किया जाए एवं घर-घर तक मामलों की खोजबीन सक्रियतापूर्वक की जाए।   
  1. ज़िलों में हर जगह परीक्षणों की संख्या बढ़ा कर शुरुआत में ही पहचान की जाएआरटी-पीसीआर परीक्षण क्षमता का वैकल्पिक उपयोग एवं हॉटस्पॉट्स तथा घनी बसावट में बतौर स्क्रीनिंग टेस्ट रैपिड एंटीजन परीक्षण हो।  
  1. घर पर आइसोलेट किये गए मामलों की प्रभावी निगरानी की जाए एवं बीमारी के बढ़ने पर शीघ्र अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
  1. अस्पताल में भर्ती कराने की प्रक्रिया बाधारहित हो एवं उपचार की दरकार वाले रोगियों को जल्द भर्ती कराया जाए- विशेषकर अधिक उम्र वाले मामलों में एवं उन मामलों में जहां साथ में अन्य रोगी भी पाए जाते हों।  
  1. अस्पतालों में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों को संक्रमित होने से रोकने के लिये अस्पतालों में संक्रमण की रोकथाम हेतु प्रभावी कदम उठाए जाएं।
  1. महामारी के प्रबंधन के लिये अपने प्रयास जारी रखते हुए ज़िलाधिकारी एवं अन्य अधिकारी ज़िलेवार कार्ययोजना तैयार एवं अपडेट करें।
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एमजी/एएम/एबी/एसएस

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