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मोदी सरकार किसानों के साथ खड़ी है, कांग्रेस दुष्प्रचार कर किसानों को गुमराह कर रही है: डाॅ. सतीश पूनियां

जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डाॅ. सतीश पूनियां ने ट्वीट कर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे किसान भाइयों से किए वादे भी पूरे नहीं कर सकते वही लोग आज किसानों को कृषि सुधार कानूनों को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं, मेरी किसान भाइयों से अपील है कि गुमराह करने वाले ऐसे लोगों से बचें। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है, कल्याणकारी कृषि कानूनों से किसानों की तरक्की के रास्ते खुलेंगे, जिससे किसान आत्मनिर्भर बनेंगे। मोदी सरकार देश के किसानों के हित में लगातार कल्याणकारी फैसले कर रही है, उनकी चिंता का निराकरण करने के लिए, हर मुद्दे पर बात करने के लिए तैयार है

डाॅ. पूनियां ने ट्वीट कर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार को जनता ने सोशल मीडिया पर भी जवाब दे दिया है, गहलोत सरकार के आज के कार्यक्रम को सोशल मीडिया पर डिसलाइक करके प्रदेश की जनता ने अपने इरादे जता दिए हैं। गहलोत सरकार के इन दो सालों में राजस्थान की जनता बेहाल है, ना किसानों की सम्पूर्ण कर्जमाफी की, ना भर्तियों को पूरा करने एवं ना ही संविदाकर्मियों को नियमित करने का वादा पूरा किया है।

मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा दो साल के कार्यकाल पूर्ण होने पर कार्यों, योजनाओं एवं परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम पर डाॅ. पूनियां ने निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की कांग्रेस सरकार के कुशासन के काले 2 वर्ष पूरे होने पर अशोक गहलोत का पुराना टेप रिकाॅर्डर सुना, शायद भूल गए वही पाप गिना रहे हैं जो 50 साल तक देश में कांग्रेस ने किये, लोकतंत्र पर खतरा, संस्थाओं का दुरुपयोग आदि, उनको सरकार गिरने का भय अभी भी सता रहा है।

डाॅ. पूनियां ने तंज कसते हुए कहा कि आज प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा का राज्य की कांग्रेस सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर प्रवचन सुना, उनको कांग्रेस से ज्यादा भाजपा की चिंता सता रही है और अब गिरे-तब गिरे, कर रहे हैं बार-बार, घर सम्भालों मुखिया जी, खरपतवार ढूंढों सरकार में कौन है, हमारी चिंता मत करो थोड़ी जनता की भी चिंता कर लो, जो वादे किये उन्हें पूरा कर लो।

डाॅ. पूनियां ने कहा कि राहुल गाँधी ने सम्पूर्ण कर्जामाफी की बात राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनावों की सभाओं में कही थी, लगभग 20 लाख किसानों का कर्जामाफ सिर्फ सहकारी बैंकों का दिखावे और आँकड़ों के लिए है, जबकि वादे के मुताबिक प्रदेश के 59 लाख किसानों का कर्जामाफ होना है, लेकिन राष्ट्रीयकृत और अन्य संस्थाओं तथा साहूकारों का कर्ज न चुका पाने के लिए किसानों को आत्महत्याएं करनी पड़ी। राज्य के किसानों से गहलोत सरकार ने सम्पूर्ण कर्जमाफी के नाम पर वादाखिलाफी की है।

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